गेंदे का फूल आयुर्वेद की दृष्टि से बहुत ही उपयोगी हैं:
आयुर्वेद में गेंदे के फूल का बड़ा महत्व है। हमारी सेहत के लिए कई प्रकार से गुणकारी है। इसके एंटीबायोटिक गुण से शायद ही कोई अपरिचित हो। लेकिन आज के इस लेख में हम इसके अन्य भी कई औषधीय गुणों को जानेंगे। यह जानेंगे कि इससे हम क्या लाभ उठा सकते हैं। चलिए इसी श्रृंखला में आगे बढ़ते हैं ।और गेंदे के फूल का आयुर्वेदिक उपचार को विस्तार से जानते हैं।
गेंदे को इंग्लिश में क्या कहते हैं (Marigold in Hindi)
सबसे पहले आपको बता दें की गेंदे के फूल को इंग्लिश में Marigold Flower कहते हैं |
नाक से रक्त आने पर गेंदे का उपयोग (Gende Ke Fool Ke Upyog)
कई लोगों के नाक से रक्त आने की समस्या बनी रहती है। या कई बार अधिक गर्मी में धूप में ज्यादा चल लेने के कारण भी नाक से रक्त आने लगता है। अधिक खट्टा खाने पर भी नाक से रक्त आने की समस्या हो जाती है। कारण चाहे जो कुछ भी हो लेकिन इस समस्या को ठीक कर सकता है गेंदे का उपयोग। इसके लिए गेंदे के पत्तों का रस निकाल कर एक से दो बूंद नाकों में डालें इस समस्या से निजात मिलेगा।
खांसी के लिए गेंदे के उपयोग
खांसी होने पर भी गेंदा फायदेमंद। यदि खांसी हो जाए किसी को तो गेंदे के फूल का बीज निकाल कर उसका चूर्ण बना लें और लगभग 5 ग्राम चूर्ण को 10 ग्राम शक्कर मिलाकर एक चम्मच दही के साथ मिलाएं। और इसे खा ले दिन भर में तीन चार बार यह उपयोग करें खांसी में लाभ होगा।
स्त्रीयों की समस्या में गेंदा का उपयोग
कई बार स्त्रीयों के साथ एक समस्या होती है ( स्तनों में सुजन की समस्या ) इसके लिए गेंदे के पत्तों को पीसकर इसका लेप लगाने अथवा इसकी पत्तियों से सेंक करने पर भी यह समस्या ठीक हो सकती है |
खुनी बवासीर में राहत दिला सकता है गेंदा
10 ग्राम गेंदे के फूल को घी में भूनकर खाने से खुनी बवासीर में राहत देगा इसके लिए इस उपाय को दिन भर में तीन बार करना आवश्यक है । इससे बवासीर में रक्तस्राव बंद हो जायेगा ।यह प्रयोग संभव ना होने पर इस समस्या के लिए गेंदे के पत्तों का रस निकाल कर पीना भी लाभकारी सिद्ध होगा ।
महिलाओं के लिए भी गेंदा गुणकारी:-
इसके साथ ही गेंदे के पत्तों के रस का सेवन मासिक धर्म में अधिक रज स्राव की समस्या को भी ठीक किया जा सकता है ।
पेट के पथरी में भी गेंदा लाभकारी ( गेंदा के पत्ते का क्या उपयोग है?)
यदि किसी को पेट में पथरी की समस्या हो गई हो तो घबराने की आवश्यकता नहीं ।गेंदे के पत्तियों से हो सकते हैं आप स्वस्थ । इसके लिए गेंदे के पत्तियों को उबाल कर उसका काढ़ा बना लें इसमें पानी इस हिसाब से डालें कि कुछ पानी उबलते समय सूखने के बाद भी 20 -30 मिली लीटर बचे |और इस काढे को दिन भर में दो बार पिए ।ऐसा कुछदिनों तक करते रहने पर आपके पेट की पथरी पिघल कर स्वत : ही निकल जाएगी ।
दांतो के दर्द में भी इसका उपयोग कारगर : –
उपरोक्त बताए ढंग से गेंदे के पत्तों का बना हुआ काढ़ा दांतो के दर्द में दे सकता है राहत यदि इससे कुल्ला करें तो ।
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