अन्याय सहना भी पाप है,
छोटा सुविचार
अन्याय के खिलाफ आवाज़
उठाना ही मानव धर्म है.
अन्याय सहना अन्याय करने से ज्यादा बड़ा पाप है।
अन्याय के खिलाफ आवाज शायरी
अन्याय सहना भी है पाप गीता श्लोक in English
“Reshape your will, and with steady determination, confront the events you meet in life, whether sorrowful or joyful, without allowing your spirit to be shaken by any of them.”
Suvichar Shlok
अन्याय सहना भी है पाप गीता श्लोक in Sanskrit
अन्यायं न पश्यन्ति कर्तारं पुरुषोपमं।
अन्यायेन व्यवस्थितं विद्धि धर्मं सनातनम्।।
अन्याय सहन करना भी अन्याय है इस विषय पर अपने विचार लिखिए
“अन्याय सहन करना भी अन्याय है” का तात्पर्य है कि जब हम किसी अन्याय को चुपचाप सहन करते हैं, तो हम अप्रत्यक्ष रूप से उस अन्याय का समर्थन करते हैं। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि जब भी हम अपने आसपास किसी अन्याय को होते देखें, तो उसके खिलाफ आवाज उठाएं। चुप रहना न केवल हमारे आत्मसम्मान को आहत करता है, बल्कि यह अन्याय करने वाले को और अधिक साहसी बना देता है। समाज तभी प्रगति कर सकता है जब हर व्यक्ति अन्याय के खिलाफ खड़ा हो और न्याय के पक्ष में अपनी भूमिका निभाए। याद रखें, अन्याय को सहन करना न केवल पीड़ित को कमजोर बनाता है, बल्कि यह पूरे समाज की नींव को भी कमजोर करता है। 🌟