इस देवता की पूजा मिल कर करते हैं हिन्‍दू मुस्लिम

हिंदू- मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं गोगाजी 
यह स्थान हिंदू और मुस्लिम एकता का प्रतीक है। गोगाजी को साँपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। यह गुरु गोरक्षनाथ के प्रमुख शिष्यों में से एक थे। जयपुर से लगभग 250 किमी दूर स्थित सादलपुर के पास दत्तखेड़ा में गोगादेवजी का जन्म हुआ था। गोगादेव की जन्मभूमि पर सैकड़ों वर्ष बीत जाने के बाद भी उनके घोड़े की रकाब अभी भी वहीं पर विद्यमान है। वहां पर गुरु गोरक्षनाथ का आश्रम भी है। यहां गोगादेव की घोड़े पर सवार मूर्ति। सर्पदंश से मुक्ति के लिए गोगाजी की पूजा की जाती है।
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