के जन्म दिन चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को
मनाया जाता है। भगवान महावीर स्वामी, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे
। महावीर जी का जन्म एक राजपरिवार में हुआ था। उनके परिवार में ऐश्वर्य, धन-संपदा
की कोई कमी नहीं थी, लेकिन युवावस्था में क़दम
रखते ही उन्होंने संसार की माया-मोह, सुख-ऐश्वर्य और राज्य को छोड़कर यातनाओं
को सहन किया। सारी सुविधाओं का त्याग कर और नंगे
पैर पैदल यात्रा करते रहे।
मानव समाज को अन्धकार से प्रकाश की ओर लाने
वाले महापुरुष भगवान महावीर का जन्म चैत्र मास के शुक्ल
पक्ष में त्रयोदशी तिथि को बिहार में
लिच्छिवी वंश के महाराज ‘श्री सिद्धार्थ‘ और माता ‘त्रिशिला
देवी‘ के यहां हुआ था। जिस कारण इस दिन जैन
श्रद्धालु इस पावन दिवस को ‘महावीर जयन्ती‘ के
रूप में परंपरागत तरीके से हर्षोल्लास और श्रद्धाभक्ति पूर्वक मनाते
हैं।
वाले महापुरुष भगवान महावीर का जन्म चैत्र मास के शुक्ल
पक्ष में त्रयोदशी तिथि को बिहार में
लिच्छिवी वंश के महाराज ‘श्री सिद्धार्थ‘ और माता ‘त्रिशिला
देवी‘ के यहां हुआ था। जिस कारण इस दिन जैन
श्रद्धालु इस पावन दिवस को ‘महावीर जयन्ती‘ के
रूप में परंपरागत तरीके से हर्षोल्लास और श्रद्धाभक्ति पूर्वक मनाते
हैं।
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