सच्ची मित्रता पर छोटी कहानी (Saccha Mitra Story in Hindi Written)

मित्रता की परिभाषा Dosti Short Story in Hindi

एक बेटी के अनेक मित्र थे उसका बहुत घमंड था उसके पिता का एक ही मित्र था वह भी बहुत सच्चा था उसके पिता ने कहा तेरे बहुत सारे दोस्त हैं. आज उनकी एक परीक्षा लेते हैं और बेटा बोला हाँ ठीक है पापा चलो. रात के 2:00 बजे वह अपने मित्र के पास गया बेटे ने दरवाजा खटखटाया दरवाजा नहीं खुला बार-बार ठोकने की वजह से अंदर से उसके दोस्त की Maa की आवाज aayi उसके दोस्त ने अपने Maa से बोला उसे बोलो मैं घर पर नहीं हूं. यह सुनकर बेटा निराश हो गया निरश होके अपने घर लौट आये.

फ़िर पापा आजा बेटे तुझे मैं अपने दोस्त से मिलवाता हूँ वो दोनों पिता के दोस्त के घर पहुंचें उसके पिता ने अपने मित्र का दरवाजा खटखटाया और अंदर से आवाज आई aaya मित्रा 2 मिनट रुक दरवाज़ा खुला तो उसकी मित्र के हाथ में एक रुपया की थैली और दूसरे हाथ में तलवार थी. यह देख के पिता ने कहा ये क्या है मित्रा मेरे जब मित्र ने 2:00 बजे रात को मेरा दरवाजा खटखटया जाहिर सी बात होगी कोई परेशानी नहीं होगी और अक्सर मुसिबत 2 प्रकार की होती हैं या फ़िर पैसे की या फ़िर झगड़े की. उसने कहा अगर पैसे की परेशानी है तो ये पैसे की थैली दे दूंगा अगर तलवार की जरूरत है तो तेरे साथ चलूंगा. यह सुनकर उसकी मित्र की आंखों में आंसू आ गया उसने कहा ऐसी बात नहीं है कोई वाह तो मैं अपने बेटे को मित्रता की परिभाषा समझने आया था.

सच्चा मित्र कहानी (Sacchi Mitrata Par Kahani)

अब आप ही समझ गए होंगे सच्चे दोस्त की अहमियत क्या होती है. एक सच्चा दोस्त हमेशा आपकी मुसीबत में आपके साथ रहेगा दोस्ती भले खून का रिश्ता नहीं होता है प्रति खून के रिश्ते से बढ़ कर होता है. हर किसी के पास सच्चा दोस्त नहीं होता प्रति जिसका पास होता है उसका उपयोग करें. अपने मित्र की कदर करनी चाहिए. एक सच्चा दोस्त सच्चाई से बना रहता है, हज़ारों दोस्त होने से कुछ नहीं होता एक दोस्त बनाओ जो सच्चा हो, आपकी हमेशा साथ रहे.

सच्ची मित्रता पर छोटी कहानी 50 words (Sacha Mitra Story in Hindi)

बिना दोस्त के जिंदगी अधूरी है दोस्त ना हो उसकी जिंदगी अधूरी रहती है. क्योंकि जिंदगी में दोस्त होना बहुत जरूरी है, दोस्त के बिना कोई मस्ती कोई इंजॉय कुछ नहीं होता, बहुत मुश्किल है लोगों पर यकीन रखना आजकल के अपने सगी भी अपने को धोखा देते हैं और ये सच्ची दोस्ती निभा जाते हैं. अपनी यारी अपने सेज भी नहीं होते हैं हम तो पराए होते हैं. जो अपने दोस्ती का रिश्ता निभा जाते हैं अपनों से बढ़कर है दोस्ती. अपनी सोच और मुझसे हमेशा सच्चा दोस्त हम गलत राह पर जाने से रुकता है के समय हमेशा ढल बन कर हमारे सामने होता है एक ही सच्चा दोस्त बनाओ.

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