Neem Karoli Baba Tips to Avoid Tension in Life: हनुमान जी के सबसे बड़े साधकों में बाबा नीम करोली की गिनती होती है, जो की जाति से ब्राह्मण थे। वर्तमान में इनका आश्रम हिमाचल प्रदेश के कैंची धाम में मौजूद है, जहां पर लंबे समय तक बाबा नीम करोली निवास करते थे।
अब वह स्वर्गवासी हो चुके है, परंतु उसके बाद भी कैंची धाम में भक्तों की भारी भीड़ जाती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। जानकारी के अनुसार 17 साल की उम्र में ही बाबा नीम करोली को ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी और उन्होंने हनुमान जी की भक्ति के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। जिंदा रहते हुए उन्होंने तकरीबन 108 हनुमान मंदिरों का निर्माण करवाया था। हर व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं आती रहती है। नीम करोली बाबा के द्वारा ऐसी हर परेशानी से छुटकारा पाने का उपाय बताया गया है। इसमें जो लोग चिंता में रहते हैं, उनके लिए भी नीम करोली बाबा ने कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई है।
1: ईश्वर की भक्ति : नीम करोली बाबा के उपाय (Baba Neem Karoli Ke Upay)
नीम करोली बाबा के द्वारा कहा गया है कि, चिंता से छुटकारा पाने के लिए ईश्वर की भक्ति इंसानों को करनी चाहिए, क्योंकि जब तक यह जीवन रहता है, तब तक तनाव भी रहता है और जीवन रहने के दौरान तनाव कभी भी खत्म नहीं हो सकता हैं, परंतु इसका मतलब यह नहीं कि हम अपना सारा जीवन चिंता में ही व्यतीत कर दे । बाबा के अनुसार चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। बस अपने इश्वर पर भरोसा रखें, क्योंकि चिंता करने का मतलब है कि आपको अपने इश्वर पर भरोसा नहीं है।
2: कर्म करते रहें – नीम करोली बाबा के विचार
बाबा का कहना है कि, इंसानों को हमेशा उनके मन का चाहिए होता है अर्थात इंसान वही हासिल करता है जो वह चाहता है, परंतु वह इस बारे में कभी नहीं सोचता है कि, हम जो चाहते हैं वह हमें मिल ही जाएगा। बल्कि भगवान से हमे जो कुछ भी हासिल होता है, वह हमारे लिए कल्याणकारी ही होता है। इसलिए हमेशा व्यक्ति को अच्छे कर्म करना चाहिए। ईश्वर के द्वारा जो भी दिया जाता है, उसी में इंसानों की भलाई होती है।
3: चिंता और चिंतन में अंतर (नीम करोली बाबा मंत्र)
बाबा के द्वारा यह भी कहा गया है कि, चिंता और चिंतन में अंतर होता है। चिंता करना हमारा काम नहीं है। हमेशा मुर्ख लोग ही चिंता करते हैं। हमारा काम सिर्फ अपने अच्छे कर्मों पर ध्यान देना है। इसके लिए हमें अच्छे काम को करने पर चिंतन करना चाहिए और उसके बाद बाकी सारा काम भगवान पर छोड़ देना चाहिए।