आजकल स्कूलों का नया सत्र आरम्भ हो रहा है. बच्चे नई क्लास में जाने और नई किताबें पढने के लिए उत्साहित है. लेकिन कोर्ट और सरकार के आदेशों के बाद भी निजी स्कूलों में NCERT कि किताबों कि जगह निजी प्रकाशकों कि महंगी किताबे मंगवाई जा रही हैं.
शिकायत मिलने पर शिक्षा विभाग ने सैकड़ों निजी स्कूलों पर छापा भी मारा. और कई स्कूलों को नोटिस भी थमाया.
और शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि जो स्कुल मनमानी करेंगे उनकी NOC रद्द कि जायगी.
लेकिन सवाल यह उठता है जिन अभिभावकों ने महंगी किताबें खरीद ली हैं उनका क्या होगा, उनके पैसे कौन वापस करेगा.
और जो स्कुल वाले शिक्षा विभाग की बात को अनुसुना कर रहे हैं और पकड़ में भी नहीं आ रहे हैं उनपर कार्यवाही कैसे होगी.
अधिकतर बच्चों के अभिभावक तो अपनी आवाज़ इसीलिए नहीं उठा पाते की उनके बच्चे का भविष्य ख़राब हो जायगा, स्कुल के खिलाफ बोलेंगे तो स्कुल वाले उन्हें परेशान करेंगे.
लेकिन इसका सही हल निकलना तो बहुत जरुरी है, शिक्षा के नाम पर लूटमार तो बंद होनी ही चाहिए.
इस मामले में सामाजिक संस्थओं और विपक्ष के नेताओ को भी आगे आना चाहिए.और जो अभिभावक किसी कारनवश स्कूलों कि लूटमार के खिलाफ बोल नहीं पा रहे उनकी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए. और जो स्कुल पकड में नहीं आ रहे हैं उनको पकड़ने में प्रशासन कि सहायता करनी चाहिए
जय हिन्द जय भारत